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रुद्रपुर/हल्द्वानी: कुमाऊं में अलर्ट, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर पर खास नजर

ऊधमसिंह नगर जिले से सटे पीलीभीत जिले में हुई मुठभेड़ में तीन खालीस्तानी आतंकियों के मारे जाने के बाद कुमाऊं में भी खुफिया एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं। डीआईजी के आदेश के बाद कुमाऊं की पुलिस ने पुराने अभिलेखों में दर्ज खालिस्तानियों की तलाश शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश के पूरनपुर, पीलीभीत में खालिस्तानियों के एनकाउंटर के बाद कुमाऊं में अलर्ट जारी कर दिया गया है। कुमाऊं की पुलिस ने पुराने अभिलेखों में दर्ज खालिस्तानियों की तलाश शुरू कर दी है।

डीआईजी योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि पीलीभीत में एनकाउंटर के बाद संदिग्धों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। खासकर ऊधमसिंह नगर और नैनीताल के सीमावर्ती क्षेत्रों में इस मुठभेड़ के बाद सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया गया है। वर्ष 1980 और 1990 के दशक में जब पंजाब में खालिस्तानी आतंकवाद चरम पर था, तब पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और शाहजहांपुर के सीमावर्ती इलाकों में खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों ने कई हमले किए थे। वर्ष 1992 में पीलीभीत के जंगलों में 29 लोगों की हत्या कर दी गई थी। नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जैसे शांतिपूर्ण इलाकों में भी खालिस्तानी आतंकवादियों ने अपनी गतिविधियां जारी रखी थीं।

रुद्रपुर में 1991 में फिॉर गए थे तीन बम विस्फोट, 41 लोगों की हुई थी मौत रुद्रपुर। १० के दशक में जिला आतंकवाद की भीषण दहशत से गुजरा था। खालिस्तान आर्मी ने 17 अक्तूबर 1991 को रामलीला मैदान भूतबंगला और पुराने जिला अस्पताल में दो बम विस्फोट किए थे। इनमें 41 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 140 लोग मागत हुए थे। पंजाब में खालिस्तानी आतंक का खात्मा होने के बाद जिले में भी खालिस्तानी गतिविधियां बंद हो गई थीं। वर्ष 2018 में खालिसात रिफ्रेडम ग्रुप को चागाने वाले युवाओं को पुलिस ने विफ्तार किया था। इसके साथ ही जरनैल सिंह भिंडरवाला के समर्थन की पोस्ट शेयर करने पर एक व्यक्ति के खिलाफ चालानी कार्रवाई की गई थी। इसके अलावा दस लोगों को चिन्हित कर काउंसलिंग की गई थी। वर्ष 2021 में पठानकोट में हुए आतंकी हमले में शामिल सुखप्रीत उर्फ सुख ने बाजपुर क्षेत्र में पनाह ली थी। इस मामले के बाद हरकत में आई पुलिस ने चार पनाहगारों को गिरफ्तार किया था। जनवरी 2023 में दिल्ली में साधी नौशाद के साथ गुलरभोज निवासी आतंकी जगजीत उर्फ जम्मा गिरफ्तार हुआ था।

दोनों के प्रतिबंधित संगठन खालिस्तान टाईगर फोर्स और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में होने की पुष्टि हुई थी। पुलिस ने ऊधमसिंह नगर में जग्गा का नेटवर्क खंगाला था, लेकिन कुछ खास हासिल नहीं हो सका था। फिलहाल पीलीभीत की घटना को लेकर सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं।

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