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जैवप्रौद्योगिकी आधारित कृषिकरण किसानों के लिए हितकारीः डाॅ संजय कुमार किसानों को दी गयी जैवप्रौद्योगिकी आधारित कृषिकरण की जानकारी

जैवप्रौद्योगिकी आधारित कृषिकरण किसानों के लिए हितकारीः डाॅ संजय कुमार किसानों को दी गयी जैवप्रौद्योगिकी आधारित कृषिकरण की जानकारी पंतनगर। उत्तराखण्ड जैवप्रौद्योगिकी परिषद (बायोटेक) हल्दी में गोविन्द बल्लभ पन्त राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान कटारमल, अल्मोड़ा के ’’ग्रीन स्कील डेवल्पमेंट कार्यक्रम’’ के अन्तर्गत 24 किसानों के दल ने पहुंचकर जैवप्रौद्योगिकी आधारित कृषिकरण की जानकारियां प्राप्त किया। निदेशक, डाॅ. संजय कुमार ने किसानों को संबोधित किया तथा परिषद् द्वारा किसान हित में चलाये जा रहे योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने पशुपालन में आने वाले समस्याओं के निदान के साथ पशुपालन से आर्थिकी को बढ़ाने के तरीकों पर प्रकाश डाला। परिषद् भ्रमण के दौरान वैज्ञानिक डाॅ. सुमित पुरोहित ने किसानों को पर्वतीय क्षेत्रों में कीवी फल व अखरोट के कृषिकरण की जानकारी दी गयी तथा हाइड्रोपोनिक्स तकनीकी से फसल उत्पादन की विधि को बताया। वैज्ञानिक डाॅ. मणिन्द्र मोहन ने किसानों को मृदा जांच की जानकारी दी तथा बताया कि मृदा की गुणवत्ता खराब होने से फसल उत्पादकता प्रभावित होती है। यहां वैज्ञानिक डाॅ. मणिन्द्र मोहन, डाॅ. सुमित पुरोहित, कटारमल, अल्मोड़ा के प्रोग्राम आफिसर डाॅ. महेशा नंद कुनियाल, अनुज कुमार, सौरभ पंडा ने सहयोग प्रदान किया। फोटो-1ः भ्रमण पर आये किसानों के साथ परिषद् निदेषक डाॅ. संजय कुमार

पंतनगर। उत्तराखण्ड जैवप्रौद्योगिकी परिषद (बायोटेक) हल्दी में गोविन्द बल्लभ पन्त राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान कटारमल, अल्मोड़ा के ’’ग्रीन स्कील डेवल्पमेंट कार्यक्रम’’ के अन्तर्गत 24 किसानों के दल ने पहुंचकर जैवप्रौद्योगिकी आधारित कृषिकरण की जानकारियां प्राप्त किया। निदेशक, डाॅ. संजय कुमार ने किसानों को संबोधित किया तथा परिषद् द्वारा किसान हित में चलाये जा रहे योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने पशुपालन में आने वाले समस्याओं के निदान के साथ पशुपालन से आर्थिकी को बढ़ाने के तरीकों पर प्रकाश डाला। परिषद् भ्रमण के दौरान वैज्ञानिक डाॅ. सुमित पुरोहित ने किसानों को पर्वतीय क्षेत्रों में कीवी फल व अखरोट के कृषिकरण की जानकारी दी गयी तथा हाइड्रोपोनिक्स तकनीकी से फसल उत्पादन की विधि को बताया। वैज्ञानिक डाॅ. मणिन्द्र मोहन ने किसानों को मृदा जांच की जानकारी दी तथा बताया कि मृदा की गुणवत्ता खराब होने से फसल उत्पादकता प्रभावित होती है। यहां वैज्ञानिक डाॅ. मणिन्द्र मोहन, डाॅ. सुमित पुरोहित, कटारमल, अल्मोड़ा के प्रोग्राम आफिसर डाॅ. महेशा नंद कुनियाल, अनुज कुमार, सौरभ पंडा ने सहयोग प्रदान किया।

 

फोटो-1ः भ्रमण पर आये किसानों के साथ परिषद् निदेषक डाॅ. संजय कुमार

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