पटाखे जलाए लेकिन सावधानी बरतें।

रिपोर्टर –ईशान श्रीवास्तव
रुद्रपुर। प्रकाश पर्व दीपावली पर आतिशबाजी का करने का भी चलन है। आतिशबाजी करने में लापरवाही शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। कई बार यह जानलेवा साबित होती है। पटाखे जलाने में सावधानी बेहद जरूरी है। डॉक्टर भी ऐसी ही सलाह देते हैं।
मेडिकल कॉलेज की चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. फरहीन खान कहती हैं कि आतिशबाजी में लापरवाही से शरीर को नुकसान पहुंच सकता है। पटाखे का बारूद त्वचा के लिए हानिकारक होता है।
इससे त्वचा संबंधी दिक्कत हो
आतिशबाजी के लिए चिकित्सकों ने जारी किए परामर्श
प्रतीकात्मक
सकती है। लोगों को पटाखे जलाने में सतर्कता बरतनी चाहिए। पटाखों को हाथ में पकड़कर जलाने से परहेज करना चाहिए। आतिशबाजी के दौरान जलने की स्थिति में तत्काल अस्पताल जाना चाहिए।
जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ. मनोज कुमार तिवारी कहते हैं कि पटाखे के धुएं से श्वांस की
दिक्कत बढ़ सकती है। दमा के रोगियों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है। आंखों को भी नुकसान पहुंच सकता है।
कम धुएं वाले पटाखों का प्रयोग करना चाहिए। अधिक तेज आवाज वाले पटाखे हृदय रोगियों के लिए दिक्कत कर सकते हैं। तेज आवाज वाले पटाखों से परहेज करना चाहिए। जहां तक हो सके ईको फ्रेंडली दिवाली मनानी चाहिए। पटाखे की चपेट में आने पर चिकित्सक की सलाह से इलाज कराना चाहिए