पंतनगर विवि की भूमि एयरपोर्ट को देने पर हाईकोर्ट का सख्त रुख

उत्तराखंड उच्च न्यायालय – ने पंतनगर विश्वविद्यालय की कई सौ एकड़ कृषि भूमि को राज्य – सरकार द्वारा एयरपोर्ट अथॉरिटी – ऑफ इंडिया को 2008 से अब तक – तीन बार हस्तांतरित किए जाने के – खिलाफ दायर जनहित याचिका पर – सुनवाई की। मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खण्डपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार, केंद्र सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में – जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई आगामी चार सप्ताह बाद निर्धारित की गई है। पंतनगर के नगला निवासी
याचिकाकर्ता राकेश शर्मा ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय की कई सौ एकड़ कृषि भूमि को एयरपोर्ट बनाने के लिए बार-बार एयरपोर्ट अथॉरिटी को दी है, लेकिन अब तक कोई ठोस निर्माण कार्य नहीं हुआ है।
उन्होंने बताया कि 2008 में राज्य सरकार ने ने दो एकड़ भूमि दी थी, परंतु उसमें कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ और वह भूमि अब जंगल में बदल चुकी है। इसके बाद सरकार ने करीब 500 एकड़ भूमि एयरपोर्ट अथॉरिटी को दी, परंतु उस पर भी कोई काम
शुरू नहीं हुआ। फिर 2020 में 1072 एकड़ भूमि पंतनगर के हल्दिया क्षेत्र में दी गई, लेकिन यहां भी कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ।
याचिका में यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार अब तक करीब 2000 एकड़ भूमि एयरपोर्ट अथॉरिटी को विभिन्न स्थानों पर दे चुकी है, लेकिन एयरपोर्ट का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ। पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय, जो एक प्रमुख कृषि शोध संस्थान है, लगातार भूमि के अधिग्रहण से प्रभावित हो रहा है और इसका अस्तित्व खतरे में पड़ता जा रहा है।