लोकल न्यूज़

किच्छा विधानसभा के ग्राम सभा जवाहर नगर के दुकानदारों एवं गृह स्वामियों में मचा हड़कंप। जाने मामला।

 

 

विक्रांत सिंह चौहान

किच्छा/ऊधम सिंह नगर

 

आज किच्छा विधानसभा के ग्राम सभा जवाहर नगर गोलगेट मुख्य द्वार के समीप स्थित मार्केट एवं गृह स्वामियों में उस समय हड़कंप मच गया जब सार्वजनिक लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने रोड को मापना शुरू किया।

दुकानदारों से मिली जानकारी के अनुसार आज दोपहर के समय सार्वजनिक लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने रोड को मापकर अतिक्रमण की जद में आ रही दुकानों एवं मकानों पर लाल रंग से चिन्हित कर निशान लगाए।

जिस बाबत सार्वजनिक लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से बात करने पर ज्ञात हुआ कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पर अतिक्रमण को चिन्हित करने की कार्यवाही अमल में लाई गई है।

सार्वजनिक लोक निर्माण विभाग के अमीन परमानंद राय से हुई वार्ता के मुताबिक माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल में याचिकाकर्ता सुनील यादव द्वारा लगाई गई जनहित याचिका (PIL no. 192/ 2024) पर सुनवाई के उपरांत उच्च न्यायालय के आदेश पर सार्वजनिक लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग एवं अन्य 10 विभागों को भी अतिक्रमण को चिन्हित करने को लेकर आदेश जारी किया गया है।

जिसके आधार पर आज सार्वजनिक लोक निर्माण विभाग के अमीन परमानंद राय और उनके साथी अधिकारियों ने ग्राम सभा जवाहर नगर में सड़क की नाप जोख करके अतिक्रमण की जद में आ रहे भवनों एवं अन्य निर्माणों पर लाल निशान लगाकर चिन्हित करने का काम किया।

विभाग के अमीन परमानंद राय के मुताबिक गोलगेट से जवाहर नगर चौराहे तक मार्ग की चौड़ाई 12 मीटर एवं उसके आगे 10 मीटर , जवाहर नगर चौराहे से शांतिपुरी को मिलाने वाली सड़क की चौड़ाई 10 मीटर, जवाहर नगर चौराहे से जवाहर नगर को जाने वाली सड़क की चौड़ाई अगले चौराहे तक 8 मीटर, इसी चौराहे से रेलवे स्टेशन की तरफ जाने वाली सड़क की चौड़ाई 8 मीटर तथा इसी चौराहे से विंदुखत्ता की तरह जाने वाली सड़क की चौड़ाई 6 मीटर है।

इसी मापदंड के अनुसार सड़क नाप जोख करके आज अतिक्रमण की जद में आ रहे भवनों एवं निर्माणों पर लाल निशान लगाकर चिन्हित करने की कार्यवाही अमल में लाई गई है।

ज्ञात हो कि इससे पूर्व में ग्राम सभा शांतिपुरी नंबर 1, 2 ,3 में इसी प्रकार से लाल निशान लगाकर अतिक्रमण को चिन्हित किया गया था जो कि विभागीय अधिकारियों द्वारा उक्त अतिक्रमण पर कार्यवाही करते हुए चिन्हित अतिक्रमण को अतिक्रमण मुक्त कराया गया था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!