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नवजात को लगा दिया एक्सपायरी डेट का टीका

 

दो माह से भी अधिक पुरानी थी एक्सपायर वैक्सीन,पुलिस ने तहरीर लेने से किया इंकार

काशीपुर। जसपुर बस स्टैंड के समीप स्थित कस्तूरी देवी हॉस्पिटल में डॉक्टर द्वारा नवजात को एक्सपायरी डेट की वैक्सीन लगाने का मामला प्रकाश में आया है। नवजात बच्चे की हालत गंभीर होने पर उसकी मां द्वारा मामले की शिकायत लिखित रूप में बांसफोड़ान पुलिस चौकी में करने का प्रयास किया गया लेकिन पुलिस ने पीड़िता को बैरंग वापस कर दिया। पीड़िता ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर मामले की शिकायत कर आरोपी चिकित्सक के खिलाफ कार्यवाही की गुहार लगाई है। मुख्यमंत्री पोर्टल पर भेजे शिकायती पत्र में मोहल्ला कवि नगर काशीपुर निवासी नवजात शिशु की मां शिप्रा गहलोत ने बताया कि बीते 6 मार्च को वह मुरादाबाद रोड पर जसपुर बस स्टैंड के समीप स्थित कस्तूरी देवी हॉस्पिटल में अपने डेढ़ माह के बच्चे को डॉक्टर रजत गुप्ता से टीका लगवाने गई। महिला का आरोप है कि डॉक्टर रजत गुप्ता ने वैक्सीन की एक्सपायरी डेट चेक किए बगैर उसके बच्चे को 6 हजार रुपए कीमत का दो माह से भी अधिक पुराने एक्सपायर डेट का टीका लगा दिया। कार्ड चेक करने पर जब शिशु के माता- पिता को इसका पता चला तो उन्होंने इसका विरोध किया। आरोप है कि विरोध करने पर डॉक्टर गुप्ता द्वारा पीड़ित दंपति को धमकी दी गई। बच्चों की हालत खराब होने पर जब पीड़ित दंपति ने बांसफोड़ान पुलिस चौकी में लिखित शिकायत देकर आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही की मांग किया तो पुलिस ने शिकायती पत्र लेने से साफ इनकार करते हुए पीड़िता को चौकी से दुत्कार कर भगा दिया। चौकी पुलिस द्वारा मात्र शक्ति के साथ किया गया यह बर्ताव क्षेत्र में चर्चा का विषय बना है। फिलहाल पीड़ित पक्ष द्वारा मामले की शिकायत सीएम पोर्टल पर करते हुए आरोपी चिकित्सक के खिलाफ कार्यवाही की मांग की गई है। काशीपुर में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल
काशीपुर। स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। लक्ष्मण दत्त भट्टð राजकीय चिकित्सालय एक बार फिर से दलाली व कमीशन खोरी की भेंट चढ़ने लगा है। प्राइवेट अस्पतालों के दलाल यहां पूरे दिन परिसर में घूमते रहते हैं। सूत्रों का कहना है कि दलाल सरकारी अस्पताल में आए आकस्मिक रोगियों को सब्जबाग दिखाकर निजी अस्पतालों में ले जाने का काम कर रहे हैं। इसके एवज में इमरजेंसी में बैठे चिकित्सक तथा दलालों को प्राइवेट हॉस्पिटल से मोटा कमीशन दिए जाने की सूचना है। उधर दूसरी ओर राजकीय चिकित्सालय के नेत्र विभाग में हफ्ते में तीन दिन बैठने वाला एक टेक्नीशियन रोगियों को लगातार बाहर से दवाएं लिख रहा है। सूत्रों का कहना है कि उसे इस काम के बदले कमीशन के रूप में मोटी रकम मिल रही

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