दक्ष से तीन पानी डाम वाली सड़क पर रोज हो रहे हादसे: सड़क किनारे पटरी पर नहीं हुआ मिट्टी भरान

एक ओर जहां सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर शासन प्रशासन प्रदेश में बढ़ते सड़क हादसों को रोकने के लिए बड़े स्तर पर कार्य योजना बनाने में जुटा है तो दूसरी तरफ कुछ विभाग ऐसे भी हैं जो सरकार की मंशा पर खुलेआम पलीता लगा रहे हैं। सड़क हादसों को रोकने के इंतजाम करना तो दूर नई सड़क बनाने में भी सुरक्षा के इंतजामों को दरकिनार किया जा रहा है। अफसरों और कार्यदायी संस्था की लापरवाही का एक ऐसा ही नमूना वार्ड नं. एक अंतर्गत दक्ष चौक से तीन पानी डाम वाली सड़क पर देखने को मिल रहा है। हाल ही में बनाई गयी इस सड़क का अधूरा निर्माण लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। इस सड़क पर पिछले कुछ दिनों में कई लोग हादसों का शिकार हो चुके हैं और कभी भी इस सड़क पर बड़ी अनहोनी हो सकती है, लेकिन विभागीय अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौन साधे हुए है। बढ़ते हादसों को लेकर क्षेत्रवासियों में आक्रोश है, लोग इस मामले को लेकर आंदोलन का मन बना रहे है। बता दें हाल ही में निकाय चुनाव से पूर्व बगवाड़ा से तीन पानी डाम की सड़क का पुननिर्माण किया गया था। यह सड़क लम्बे समय से खस्ता हाल थी। क्षेत्रवासियों ने सड़क निर्माण के लिए कई बार आंदोलन भी किये जिसके बाद सड़क का निर्माण तो हो गया लेकिन अधूरा निर्माण आज क्षेत्रवासियों के लिए नई मुसीबत का सबब बन रहा है। विधायक शिव अरोरा ने जब इस सड़क का शिलान्यास किया तब उन्होंने कहा था कि डामरीकरण के बाद सड़क ऊंची होने के कारण सड़क के दोनों ओर टाईल्स बिछायी जायेगी। लेकिन विधायक की यह घोषणा हवाई साबित हुयी है। सड़क निर्माण कार्य करने वाली एजेंसी ने कुछ स्थानों पर ही टाइल लगाकर सड़क को अधूरा छोड़ दिया। खासकर दक्ष से तीन पानी डाम के क्षेत्र की पूरी तरह उपेक्षा की गयी है। दक्ष चौक से लेकर तीन पानी डाम तक सड़क के एक ओर नाला है और दूसरी तरफ अधिकांश हिस्से में खेती वाली जमीन है। सड़क उंची होने बाद जो पटरी की जगह बची है वह कई जगह सड़क से करीब डेढ़ फुट तक नीची हैं। जिसके चलते ओवर टेक के दौरान अक्सर हादसे की संभावना बनी रहती है। खासकर कोई बड़ा वाहन जब सड़क से गुजरता है तो दूसरे वाहन का सड़क से निकलना मुश्किल हो जाता है। अधूरी सड़क पर पिछले कुछ दिनों में कई हादसे हो चुके हैं लेकिन इन हादसों से प्रशासन अब तक सबक नहीं ले रहा है। शनिवार को सवारियों से भरा एक ई रिक्शा इस सड़क पर अनियंत्रित होकर पलट गया। जिसमें कई यात्री बाल बाल बचे। तीन दिन पहले एक मारूति वैन भी सड़क से टायर नीचे आने के कारण पलट गयी, संयोग से बिजली के पोल पर वैन अटक गयी अन्यथा वैन सीधा नाले में गिरती और उसमें सवार लोगों की जान जा सकती थी। इस सड़क पर रोजाना दर्जनों स्कूली वाहनों का आना जाना रहता है और बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे खुद पैदल या साईकिल पर इस मार्ग से गुजरते हैं, ऐसे में सड़क पर कभी भी बड़ी दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है। एक तरफ प्रदेश में मुख्यमंत्री के निर्देश पर सड़कों को गड्ढामुक्त और दुर्घटना मुक्त बनाने की दिशा में बड़े स्तर पर कार्य योजना बनाई जा रही है तो दूसरी तरफ रूद्रपुर की यह सड़क अफसरशाही की लापरवाही की पोल खोल रही है।क्षेत्रवासियों में ठेकेदार और प्रशासन की लापरवाही को लेकर भारी रोष है। बताया जाता है कि कुछ लोगों ने इस मामले की शिकायत विधायक से भी की लेकिन फिलहाल शिकायत का कोई संज्ञान नहीं लिया गया है।