डॉ. इला और डॉ. ऋतु के विनियमितीकरण पर रोक है?
पंतनगर। हाईकोर्ट के आदेश पर नवंबर 2024 में नियमित हुईं विश्वविद्यालय चिकित्सालय की मेडिकल ऑफिसर डॉ. इला सिंघल और डॉ. ऋतु त्रिपाठी के विनियमितीकरण पर शासन ने रोक लगा दी है। अपर सचिव मनुज गोयल ने तत्कालीन मुख्य कार्मिक अधिकारी के कार्यालय से जारी आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है।
डॉ. इला ज्वॉइनिंग करने के बाद उसी दिन सेवानिवृत्त हो चुकी हैं। जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि के चिकित्सालय में डॉ. सिंघल और डॉ. त्रिपाठी की नियुक्ति वर्ष 2001 में संविदा पर हुई थी। अक्तूबर 2013 में विवि कर्मचारियों के विनियमितीकरण के दौरान ये दोनों वंचित रह गए थे।
दिसंबर, 2013 में विनियमितीकरण की नई नियमावली आ गई। इस पर न्यायालय का स्टे लग गया। तब दोनों डॉक्टर न्यायालय चले गए और पुरानी नियमावली के तहत तय तिथि से विनियमित करने की मांग की। नवंबर 2024 में आए न्यायालय के निर्णय के बाद रिव्यू कमेटी की संस्तुति पर दोनों डॉक्टरों का विनियमितीकरणः कर दिया गया था।
अपर सचिव मनुज गोयल ने 28 फरवरी को वीसी को लिखे गोपनीय पत्र में सीपीओ के चार अप्रैल 2024 के कार्यालय आदेश का हवाला दिया है। कहा कि डॉ. इला सिंघल बनाम राज्य सरकार के संबंध में हाईकोर्ट के
यह मामला मेरे कार्यकाल का नहीं है। मामले से संबंधित फाइल मंगाई है। इसका अवलोकन करने के बाद शासन को जवाब भेजा जाएगा।
– बीएस चलाल, मुख्य कार्मिक अधिकारी पंतनगर विवि
23. अगस्त 2024 व एक जुलाई 2024 के आदेश में विनियमितीकरण नियमावली 2013 के आलोक में विनियमितीकरण के लिए विचार करने को कहा गया था लेकिन आदेश के विरुद्ध विवि ने न्यायालय के निर्णय की अवहेलना करते हुए अधिक्रमित नियमावली 2011 के आलोक में कार्यालय आदेश सात अगस्त 2024 व 30 अगस्त 2024 निर्गत कर क्रमशः डॉ. इला सिंघल व डॉ. ऋतु त्रिपाठी को पूर्ववर्ती तिथि 25 अक्तूबर 2013 से विनियमित करते हुए एरियर सहित सभी सेवा लाभ देने की स्वीकृति दी।
विवि स्तर से बिना शासन की सहमति अगस्त व 30 अगस्त 2024 को जारी कार्यालय आदेश पूर्णतया कार्मिक एवं वित्त विभाग के नियम विरुद्ध है।
विवि से जारी कार्यालय आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त करते हुए अदालत के निर्णय के अनुपालन में नियमावली 2013 के तहत आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें। इसके साथ ही किए गए अतिरिक्त भुगत्तान की वसूली की कार्यवाही भी करें। संवाद