रुद्रपुर: सिडकुल की बीएसटी कंपनी बंद होने से 600 कर्मचारी बेरोजगार

सिडकुल की बीएसटी टेक्सटाइल मिल्स प्राइवेट कंपनी के सैकड़ों कर्मचारी कंपनी बंद होने के कारण बेरोजगार हो गए हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि बीते वर्ष मार्च में आग लगने के बाद कंपनी के बंद होने का अंदेशा उन्हें पहले से ही था। कर्मचारियों को बिना किसी पूर्व सूचना के ही कंपनी में ताला लगा दिया गया। कंपनी के 600 कर्मचारी अपने वेतन, ग्रेच्युटी, सीएल और पीएफ के रुपये के लिए श्रम विभाग के चक्कर काट रहे हैं। शुक्रवार को श्रम विभाग के कार्यालय में सैकड़ों कर्मचारी इकट्ठे हुए। उनका कहना था कि 600 कर्मचारियों पर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा है। पहले कंपनी बंद होने से कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा और अब बकाया रुपये के लिए श्रम विभाग से गुहार लगानी पड़ रही है। सिडकुल के सेक्टर-9 में स्थित बीएसटी टेक्सटाइल मिल्स प्राइवेट लिमिटेड में धागे बनाने का काम किया जाता था। बीते वर्ष मार्च में कंपनी में आग लगने के बाद से ही कर्मचारी कंपनी के बंद होने का अंदेशा जता रहे थे। कंपनी ने पिछले कुछ महीनों से कर्मचारियों के त्यागपत्र लेना भी बंद कर दिया था। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि कंपनी ने 31 दिसंबर के दिन सभी कर्मचारियों के साथ बैठक कर कंपनी के सुचारू रूप से चलने का भरोसा दिलाया और रात को ही कंपनी के गेट पर ताला जड़ दिया। कंपनी के पूर्ण रूप से बंद होने के पहले ही कर्मचारियों को महीने में मात्र 10 से 15 दिन काम पर बुलाया जा रहा था। 600 कर्मचारियों को एक महीने का मानदेय और ग्रेच्युटी, सीएल, पीएफ का हजारों रुपया भी कंपनी ने नहीं दिया है। बेरोजगारी में बकाया रुपया ही उनकी आखिरी उम्मीद है। कई कर्मचारियों ने नौकरी के भरोसे घर का सामान लोन में लिया है। लोन की किस्तें नहीं दे पा रहे हैं। कंपनी ने 15 जनवरी तक सभी कर्मचारियों का बकाया रुपया लौटाने की बात कही थी। इसके बाद कर्मचारियों को 22 जनवरी का समय दिया गया था। बार-बार समय आगे बढ़ाने के रवैये से तंग आकर कर्मचारियों ने श्रम विभाग पहुंचकर मदद की गुहार लगाई। सभी कर्मचारियों ने अपने नाम और कार्ड नंबर श्रम कार्यालय में जमा करवाए। आज ही कर्मचारियों के वेतन से जुड़ा मामला संज्ञान में आया है। अगले सप्ताह कंपनी और कर्मचारियों के बीच द्विपक्षीय वार्ता कर समस्या का समाधान निकाला जाएगा।