राजनीति

नगला : बेहड़ और शुक्ला आमने-सामने

शुक्ला बोले, जानबूझकर कम उम्र के प्रत्याशी को बनाया था कांग्रेस प्रत्याशी

 

रुद्रपुर। नगला नगर पालिका चुनाव में कांग्रेस की सियासी मात के बीच दो प्रतिद्वंद्वी किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़ और पूर्व विधायक राजेश शुक्ला आमने-सामने आ गए हैं। शुक्ला का आरोप है कि बेहड़ ने जानबूझकर कुम उम्र के प्रत्याशी को खड़ा किया था ताकि पार्टी प्रत्याशी नहीं मिलने के आरोप से बच गए। बेहड़ ने पलटवार करते हुए कहा कि तकनीकी गलतियां हो जाती हैं। बृहस्पतिवार को किच्छा में कांग्रेस समर्थित और निर्दलीय प्रत्याशी के नामांकन वापसी के बाद गदगद पूर्व विधायक शुक्ला ने कहा कि नगला के लोग भाजपा के अलावा किसी दूसरे को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। कांग्रेस के पास नगला के लिए कोई प्रत्याशी नहीं था। इसके बाद एक कम उम्र के व्यक्ति को सब कुछ जानते हुए खड़ा किया गया था। ताकि पार्टी में प्रत्याशी नहीं होने का आरोप न लग सके। पांच बार के विधायक और मंत्री रह चुके बेहड़ को नगर पालिका के प्रत्याशी की आयु की जानकारी नहीं होना अचरज भरा है। यह सब जानबूझकर किया गया है। उन्होंने परिवारवाद के आरोपों पर कहा कि बेहड़ का बेटा खुद रुद्रपुर में पार्षद का चुनाव लड़ रहा है।

 

बेहड़ ने कहा-पूरे सरकारी तंत्र का दुरुपयोग किया जा रहा है

 

किच्छा। विधायक तिलकराज बेहड़ ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि नगला 2700 बोटों की पालिका है। राजनीतिक जीवन में नगर पालिका में घमासान पहली बार देखा है। पूरे सरकारी तंत्र का दुरुपयोग किया जा रहा है। पूर्व विधायक के जानबूझकर अंडरएज प्रत्याशी उतारने के आरोप पर उन्होंने कहा कि तकनीकी गलतियां होती हैं। हरिओम के पर्चा खारिज होने पर राकेश को समर्थन दिया था। आरोप लगाया कि समर्थन के बाद राकेश को भाजपा के लोगों ने किच्छा बस अड्डे से उठा लिया और दो दिन तक रामनगर के एक रिजॉर्ट में रखा था। यह सब खुद करवाकर शुक्ला उन पर आरोप लगा रहे थे। पार्टी के लोगों के घरों पर पुलिस भेजी गई और खुद उनके आवास की निगरानी एलआईयू से कराते हुए उनके मोबाइल सर्विलांस पर लगाए गए थे। कहा कि अगर पुलिस जानना चाहती है कि राकेश किसके साथ गए तो उनके फोन की लोकेशन निकालकर जांच लें। कहा कि शुक्ला अपने भतीजे को निर्विरोध नगर पालिका अध्यक्ष बनाने की कोशिश करते रहे। इसके लिए ही प्रत्याशियों को उठाना, पर्चे वापस कराए गए। कहा कि कांग्रेस पर परिवारवाद के आरोप लगाने वाले शुक्ला की बोलती नगला में अपने भतीजे को टिकट दिलवाकर चुनाव लड़ाने से बंद हो गई।

 

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