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नए साल का भव्यतम स्वागत

 

31 दिसंबर को घड़ी में रात के 12 बजते ही पूरी दुनिया नए साल का स्वागत करती है, लेकिन 1 जनवरी को ही साल की शुरुआत क्यों होती है? यह एक विचारणीय प्रश्न है। इसकी वजह रोम साम्राज्य के तानाशाह जुलियस सीजर को माना जाता है। सीजर ने भ्रष्टाचारी नेताओं को सबक सिखाने के लिए 2069 साल पहले कैलेंडर में बदलाव किए थे। इसके बाद से पूरी दुनिया ने । जनवरी को नया साल मनाना शुरू कर दिया।

 

जूलियस सीजर को खगोलविदों ने बताया कि पृथ्वी को सूर्य के चक्कर लगाने में 365 दिन और 6 घंटे लगते हैं। इसके बाद सीजर ने रोमन कैलेंडर को 310 दिन से बढ़ाकर 365 दिन कर दिया। साथ ही सीजर ने फरवरी के महीने को 29 दिन करने का फैसला किया, जिससे हर 4 साल में बढ़ने वाला एक दिन भी समायोजित हो सके। अगले साल यानी 45 ईसा पूर्व से 1 जनवरी के दिन नया साल मनाया जाने लगा।

1 जनवरी को ही नए साल का होता है विशेष महत्व

हर देश का अलग-अलग टाइम जोन

पृथ्वी के सूरज का एक चक्कर पूरा करने से साल बदलता है। वहीं, अपनी धुरी पर पूरा चक्कर लगाने पर दिन और रातें होती हैं। पृथ्वी के अपनी धुरी पर लगातार घूमते रहने की वजह कहीं पर से कहीं सुबह, कहीं दोपहर तो व रात होती है। यही वजह। है कि दुनिया के लगभग हर देश को अलग-अलग टाइम जोन में बांट दिया गया है।

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