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Rudrapur: कंपनी में अचेत हुए कर्मी की मौत, लगातार दो शिफ्ट में काम कराने का आरोप; मांगा एक करोड़ का मुआवजा

सिडकुल पंतनगर की इंटरार्क कंपनी में एक कर्मचारी ड्यूटी के दौरान अचेत हो गया। उसे आनन-फानन अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। गुस्साए परिजनों और श्रमिकों ने कर्मचारी की मौत के लिए प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया। जानकारी के अनुसार मूल रूप से बिहार के गोपालगंज जिले के बरूनइया राजाराम और हाल दरियानगर निवासी दुर्योधन शर्मा (46) सिडकुल की इंटरार्क कंपनी में काम करते थे। शनिवार को वे शाम की शिफ्ट में ड्यूटी पर गए थे। शिफ्ट खत्म होने के बाद उनको नई शिफ्ट पर लगा दिया था। रविवार सुबह शिफ्ट खत्म होने पर वे कंपनी परिसर में ड्रेस बदलते समय अचेत होकर गिर गए। उनको अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतक के चचेरे भाई व भाजपा कार्यकर्ता नंदलाल शर्मा ने बताया कि दुर्योधन वर्ष 2006 से कंपनी में काम कर रहे थे। कंपनी प्रबंधन की ओर से 16 घंटे ड्यूटी कराने से उसकी जान गई। उनका आरोप है कि भाई ने तबीयत खराब होने का हवाला दिया था लेकिन दबाव डालकर उन्हें काम पर लगाया गया था। सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में कंपनी के श्रमिकों ने जिला अस्पताल में हंगामा कर परिवार को एक करोड़ का मुआवजे की मांग की।

इसी बीच विधायक शिव अरोरा वहां पहुंचे और घटना पर नाराजगी जताते हुए कंपनी जीएम को मुआवजे की कार्रवाई करने के लिए कहा। इसके चलते दिनभर अस्पताल में श्रमिकों का जमावड़ालगा रहा। शाम करीब चार बजे विधायक, सीओ बीएस धौनी, परिजनों की मौजूदगी में हुई वार्ता में कंपनी प्रबंधन ने परिजनों को 20 लाख रुपये देने पर सहमति जताई। उन्होंने अन्य देयकों का अलग से भुगतान करने की बात कही।

सीओ धौनी ने बताया कि कंपनी परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए एक लाख रुपये देगी। वार्ता में सहमति के बाद शव का पंचनामा भरा गया। वहां संजय ठुकराल, राकेश सिंह, केके दास, तरुण दत्ता, सुरेश कोली, बिट्टू चौहान आदि थे।

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